गमका ही काम है
( तर्ज : तुमको सलाम है ... )
गमका ही काम है , यहाँपर ,
गमकाही काम है || टेक ||
जो बोले वह फँसे किचड में ।
काम करे वह पडे लफड में ॥
ऐसा ही धाम हैं ! । यहाँपर ... ॥१ . ॥
चाल चलो तो चोर कहावे ।
बैठो तो आलसी कहावे ॥
ध्यानी को बक नाम है ! ॥ यहाँपर ।। २ ।।
पहिनो तो होता है घमण्डी ।
रहे लँगोटी तो हो गयी ठण्डी ॥
गुण्डी का काम है ! ।। यहाँपर ... ॥३ ॥
साधु बनो तो बगुला बोले ।
भजन करे तुकड्या सब खोले ।
ले लो अराम है ! ॥ यहॉपर ... ।।४ ।।
अयोध्या ; दि . १३-८-६२
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